Bronchial Asthma, Cough, Chronic Rhinitis And Sinusitis Treatment अस्थमा, कफ, प्रतिश्याय और साइनस की आयुर्वेदिक चिकित्सा

Asthma, Cough And Sinusitis Treatment : अस्थमा, कफ, प्रतिश्याय और साइनस की आयुर्वेदिक चिकित्सा

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श्वास (Bronchial Asthma), कफ (Cough), जीर्ण प्रतिश्याय ( Chronic Rhinitis) तथा साइनस (Sinusitis) की पतंजलि औषधि चिकित्सा के बारे में पूरी जानकारी दी गई है इसके लिए आपको यह लेख अंत तक जरूर पढ़े |  और श्वसन क्रिया से संबधित सभी रोगों से छुटकारा पायें | 


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दिव्य श्वासारि क्वाथ  200 ग्राम 
दिव्य मुलेठी क्वाथ  100 ग्राम 

दोनों औषधियों (क्वाथों) को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं100 मिली शेष रहने पर छानकर सुबह खाली पेट तथा शाम भोजन के बाद सेवन करें। 

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दिव्य श्वासारि रस  20 ग्राम 
दिव्य अभ्रक भस्म 05 ग्राम 
 दिव्य प्रवाल पिष्टी  10 ग्राम 
दिव्य त्रिकटु चूर्ण  10 ग्राम 
दिव्य सितोपलादि चूर्ण  25 ग्राम 

सभी औषधियों (भस्म) को मिलाकर 60 पुड़िया बना कर रख लें। प्रतिदिन 1-1 पुड़िया सुबह  नाश्ते एवं शाम के भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें। 

दिव्य लक्ष्मीविलास रस  40 ग्राम 
दिव्य संजीवनी वटी  40 ग्राम 

दोनो औषधि में से 1-1 गोली दिन में तीन बार सुबह नाश्ते दोपहरभोजन एवं शाम भोजन के बाद गुनगुने जल से या हल्दी मिलाकर उबाले हुए दूध के साथ सेवन करें

नोट- 1. जीर्ण रोग की अवस्था में 1 माह की औषध में दिव्य स्वर्ण वसन्तमालती रस 2 से 3 ग्राम तक मिलाने से अत्यन्त लाभ होता है। 

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  1. क्षतक्षीण की अवस्था में कहरवापिष्टी 5 से 10 ग्राम मिला लें। 
  2. श्वासकास के साथ यदि सामान्य दौर्बल्य भी हो तो शिलाजीत रसायन वटी 1-1 गोली प्रात: एवं सायं सेवन करने से विशेष लाभ होता है। 
  3. उपरोक्त औषधों के साथ दिव्यधारा को सूंघने से तथा पतंजलि बाम को लगाने से विशेष लाभ होता है। 
  4. षड्बिन्दु तेल का नस्य लेने से विशेष लाभ होता है। 

परहेज – घी, तेल, खटाई, ठण्डी वस्तुए, केला, दही, आइस्क्रीम आदि का सेवन करें एवं सुखोष्ण जल का सेवन करें। 

नोट : यह सिर्फ सामान्य जानकरी है, किसी भी औषधि का सेवन करने से पहले चिकित्सक परामर्श अवश्य लें | 

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